
तहक्षी™ Tehxi
@yajnshri
आप सबने हनुमान चालीसा अवश्य पढ़ा है , क्या आप जानते है सर्वकार्य सिद्धि हेतु 'श्री हनुमान चालीसा अनुष्ठान' सरल व शीघ्र फलदायी तन्त्र साधना है। 🧵 विधि यहाँ जानिये
पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ यदि इस साधना को विधिपूर्वक सम्पन्न किया जावे तो मन वांछित फल की प्राप्ति अवश्य होती है। इस साधना को विधिपूर्वक सम्पन्न किया जावे तो वांछित फल की प्राप्ति अवश्य होती है। श्री हनुमान चालीसा के अनुष्ठान से साधक की मनोकामना पूरी होती है। भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, विद्या, बुद्धि, शत्रु नाश, आजीविका, धन प्राप्ति की प्रार्थना करने पर हनुमान जी अवश्य साधक की कामना पूर्ण करते हैं।
श्री हनुमान चालीसा अनुष्ठान के लिये यदि हनुमान चालीसा याद नहीं है तो सबसे पहले 50-100 पढ़कर याद कर ले। फिर किसी मंगलवार या शनिवार को यह अनुष्ठान कर सकते हैं। अनुष्ठान के दिन लाल रंग का आसन बिछाकर श्री हनुमान जी तथा श्री राम पंचायत के चित्र स्थापित करे और उनका पंचोपचार (पांच प्रकार से) या षोडशोपचार (सोलह प्रकार से) विधि से पूजन करें। हनुमान जी को कन्दमूल फल तथा मिष्ठान में मोतीचूर के लड्डू, बेसन की बनी वस्तुयें, रोट, पुऐ आदि प्रिय हैं और सिन्दूर का तिलक और लाल रंग की लंगोट प्रिय है। साधक के वस्त्र भी लाल रंग के हों तो उत्तम है।
फिर आचमन, प्राणायाम, आवाहन, संकल्प-हनुमान चालीसा का 108 पाठ करने का करे। यह सब करने के पश्चात् श्री हनुमान जी का ध्यान करें :- अतुलित बलधामं हैमशैलाभ देहं । दनुजहनकृशानु ज्ञानिनामग्रगण्यम् ॥ सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं । रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ॥
अतुल बल के धाम, सोने के पर्वत (सुमेरु) के समान कीर्तियुक्त शरीर वाले, दैत्यरूपी वन को ध्वंस करने के लिये अग्नि रूप, ज्ञानियों में अग्रगण्य, सम्पूर्ण गुणों के निधान, वानरों के स्वामी, श्री रघुनाथ जी के प्रिय भक्त श्री हनुमान जी को मैं प्रणाम करता हूँ। फिर हनुमान चालीसा की प्रत्येक चौपाई के साथ 'स्वाहा' लगाकर हवन करें। हवन के पश्चात् हनुमान चालीसा का पाठ प्रारंभ करे।
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